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मवई नदी में फिर अवैध रेत उत्खनन शुरू, हाईवा की मदद से उप्र जा रही है रेत

चंद्रकांत पारगिर
18 November 2022 17:14 PM IST
Updated: 18 November 2022 17:17 PM IST

शुक्रवार की दोपहर 1 बजे संरक्षित क्षेत्र हरचोखा स्थित मवई नदी में एक बार फिर से अवैध रेत उत्खनन का कारोबार शुरू हो गया। दो पोकलेन मशीने नदी मे उतारी गई और हाईवा में रेत भरकर उप्र मप्र भेजना शुरू कर दिया गया। ग्रामीणों का अंदाजा सही निकला, ठंड के मौसम में भले ही ईडी की कार्यवाही से रेत का कारोबार बंद है पर शुरू होगा सो 18 नंवबर से शुरू हो गया।

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फिर शुरू हुआ कारोबार

कांग्रेस सरकार के आते ही अवैध रेत का कारोबार जो शुरू हुआ वो आज तक जारी है, बीच में एक माह रायपुर में ईडी की छापेमारी के बाद कोरिया और एमसीबी जिले में अवैध रेत के कारोबार पर ब्रेक लगा हुआ था, परन्तु शुक्रवार को फिर से यह कारोबार शुरू हो गया। एक बार फिर ग्रामीण दुखी है, क्योंकि उनके क्षेत्र में नदियों से रेत के निकाले जाने से जलस्तर काफी नीचे जा चुका है, गर्मी के दिनों में उन्हे पीने के पानी के लिए काफी भटकना पडता है, जबकि रेत उत्खनन के पूर्व ऐसा नही था। वहीं नदी में बड़े बड़े गढ्ढे हो चुके है, जिससे ग्रामीणों के जानवर डूब कर अपनी जान गवां चुके है, इसके अलावा नदी के सूखने का खतरा भी है जिसे लेकर ग्रामीण आखिर अपनी बात रखे तो कहां रखे।

संरक्षित क्षेत्र में उत्खनन

हरचोखा संरक्षित क्षेत्र घोषित है, राम गमन मार्ग की शुरूआत यही से हुई है, परन्तु यहां से बीते 4 वर्षो से जमकर अवैध रेत उत्खनन जारी है, पूर्व मे कुछ क्षेत्र में खनन की अनुमति प्रदान की गई थी, बाद में टेंडर निरस्त हो गया, परन्तु रेत माफियाओ का कारोबार कभी बंद नहीं हुआ, अवैध रेत उत्खनन को बंद कराने आम आदमी पार्टी से लेकर भाजपा ने भी आंदोलन किया, परन्तु सरकार से इसे बंद कराने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। यहां तक रेत माफियाओं ने ग्रामीणों को आपस उलझा दिया, एक पक्ष रेत निकालने का समर्थन करने लगा तो दूसरा विरोध मेें, जिसके बाद विरोध करने वालों पर कई बार पुलिसिया कहर भी बरपा। इस क्षेत्र के लोगो में अवैघ रेत उत्खनन को लेकर काफी रोष व्याप्त है।


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