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क्रय नियमों की अनेदखी कर लाखों की कर दी खरीदी, शिक्षकों के साथ बाबुओं और भृत्यों को अपने कार्यालय मे किया अटैच

चन्द्रकान्त पारगीर
18 November 2022 17:06 PM IST
Updated: 18 November 2022 17:17 PM IST

कोरिया जिले के सोनहत के तत्कालीन बीईओ द्वारा बिना भंडार नियम का पालन किए सामग्री खरीदने व आदिवासी लिपिक को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है, पीड़ित भंडार शाखा प्रभारी था उस पर नियम विरूद्ध खरीदी करने का दबाव डाला गया, जब वो उनकी नहीं माना तो समय पर आने के बाद उसे लगातार गैर हाजिर कर दिया जाता रहा, सीधे नेताओं से पकड़ रखने वाले प्रभारी बीईओ ने लिपिक के लिखित माफीनामा देने के बाद भी उसे नहीं बख्शा और उसका स्थानांतरण प्रशासनिक दृष्टि से भरतपुर के दूरस्थ क्षेत्र कुंवारपुर हो गया। अब पीड़ित न्यायालय की शरण में पहुंच गया है। तत्कालीन बीईओ ने सिर्फ शिक्षकों को अटैच किया बल्कि दूरस्थ क्षेत्र के बाबू और भृत्य को भी कार्यालय में अटैच कर नियम विरूद्ध कार्य करवाए।

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नियमों को ताक में रखकर खरीदी

जानकारी के अनुसार तत्कालीन बीईओं द्वारा नियमों को ताक में रखकर खरीदी की गयी। पूर्व बीईओं के कार्यप्रणाली से कार्यालय के बाबू ही नही बल्कि विकासखंड के कई शिक्षक भी परेशान रहे। कुछ शिक्षकों का कहना है अधिकारी की कुर्सी मिलने के बाद पूर्व बीईओं सही तरीके से शिक्षकों से भी बात नहीं करते थे। अधिकारी का रौब दिखाकर बात करते। जिससे कि शिक्षक आहत होते थे। ऐेसे अधिकारी को पद से हटाकर स्कूल में भेजने के बाद अब शिक्षकों ने भी राहत की सांस ली है।

आदिवासी लिपिक को प्रताडित करने का आरोप

जानकारी के अनुसार सोनहत के तत्कालीन बीईओ से पीड़ित आदिवासी लिपिक ने जानबूझकर अनुपस्थित करने व भंडार शाखा का प्रभार नहीं दिए जाने को लेकर कई कारण बताओं नोटिस भेजे गए, जिसका स्पष्टीकरण देते हुए लिपिक ने उनके नियम विरूद्ध कार्यो की पोल खोल कर रख दी, लिपिक शैलेष कुमार खाखा ने उनके अनुपस्थित करने को लेकर बताया कि तत्काीलन बीईओ कार्यालय में प्रवेश करते देखकर ही तत्काल उसे अनुपस्थित कर दिया जाता है, या हस्ताक्षर के लिए अधिकारी के चेम्बर में प्रवेश करते ही रजिस्टर उठाकर उसके सामने ही उसे अनुपस्थित किया जाता है, जिससे वो हस्ताक्षर नहीं कर पाता था और उस दिवस वो कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य करने के उपरांत भी मैं अनुपस्थित हो जाता था और उक्त अवधि का वेतन अधिकारी द्वारा काट लिया जाता है। और फिर उसे अनुपस्थिति का कारण बताओ नोटिस थमा दिया जाता था।

बिना क्रय समिति के गठन के कर दी लाखों की खरीदी

बीईओं कार्यालय सोनहत से स्थानांतरित बाबू शैलेष खाखा ने बताया कि कार्यालयीन भण्डार शाखा से संबंधित क्रय समिति व अपलेखन समिति के गठन के लिए नोटशीट में तत्कालीन बीईओ द्वारा समिति बनाने के लिए टीप नहीं किया गया जिससे क्रय समिति गठित नहीं हो पाई एवं कार्यालयीन अनुपयोगी सामग्रियों का अपलेखन की प्रक्रिया संपन्न नहीं हो पा रही है। क्रय समिति गठिन नहीं थी किंतु क्रय संबंधी समस्त कार्य स्वयं तत्कालीन बीईओ द्वारा संपन्न किया जा रहा था। स्टेशनरी मद एवं अन्य मद में प्राप्त सामग्री आबंटित राशि से मिलान नहीं हो पा रहा था जिससे प्रभार देने में परेशानी हो रही है क्रय समिति गठित नहीं होने के कारण तत्कालीन बीईओ द्वारा छग भण्डार क्रय नियम 2002 का पालन नहीं किया गया है। नोटशीट प्रस्तुत करने के कारण भण्डार शाखा का प्रभार अटैच सहायक ग्रेड 3 को सौंपने के लिए आदेशित कर दिया गया। श्री खाखा के द्वारा भण्डार शाखा का प्रभार अटैच सहायक ग्रेड 3 को सौंपने के लिए मौखिक चर्चा किया गया था जिसमें तत्कालीन बीईओ द्वारा यह कहा गया कि पूर्व के अधिकारी का हस्ताक्षर कराकर प्रभार सौंपे जिससे उनकेे द्वारा प्रभार नहीं सौंपा गया है एवं उच्च कार्यालय से प्राप्त खेल सामग्री का वितरण किया जा रहा है। उनकेे द्वारा आकस्मिक अवकाश में जाने के पश्चात् जबरन भण्डार शाखा का प्रभार सहायक ग्रेड-03 शाउमावि अकलासरई के अटैच बाबू को सौंपे जाने के लिए आदेशित कर दिया गया जबकि शाखा का कार्य उनके द्वारा नियमित रूप से किया जा रहा था। माह मार्च 2022 में वे पूरे माह उपस्थित रहकर कार्य किया गया है किंतु भण्डार शाखा का प्रभार अटैच बाबू को नहीं दिए जाने के कारण माह मार्च 2022 का वेतन अवरुद्ध कर दिया गया है जो काफी समय बाद भुगतान हुआ।

बाबू का काम भृत्य से

लिपिक शैलेश खाखा ने बताया कि कार्यालयीन कर्मचारियों के लिए आकस्मिक अवकाश पंजी का संधारण अलग से अधिकारी द्वारा करवाया जा रहा है जिसका लेखा शासकीय माध्यमिक शाला सलगवांकला के (आकस्मिक भृत्य) के द्वारा कराया जाता है साथ ही आवक-जावक का कार्य भी उक्त भृत्य से कराया जाता था। जबकि नियमानुसार यह कार्य बाबू के द्वारा किया जाना था। अवकाश पंजी में संधारित किए के जाने के लिए अटैच भृत्य को निर्देशित कर दिया जाता था। इसमे काफी अनियमितताएं बरती गई।

बाबूओं और भृत्यों का किया अटैच

तत्कालीन बीईओ ने जिले के अन्य तहसीलों के साथ कई स्कूलों के कर्मचारियों के बाबूओं और भृत्यों को अपने कार्यालय में अटैच किया, उन्होनें खड़गवां तहसील जो अब एमसीबी जिले का हिस्सा है उसके हाई स्कूल तोलगा के सहायक ग्रेड 2, सोनहत अकलासरई के हायर सेकेण्ड्री स्कूल की महिला भृत्य, सलकगवांकला माध्यमिक शाला के आकस्मिक भृत्य, अकलासरई के हायर सेकेण्ड्री स्कूल के सहायक ग्रेड 3, दूरस्थ क्षेत्र रामगढ़ हायर सेकेण्ड्री स्कूल के सहायक ग्रेड 2, पोड़ी माध्यमिक शाला का भृत्य सहित 6 कर्मचारियों को तत्कालीन बीईओ ने सोनहत स्थित कार्यालय में अटैच कर पूर्व के कर्मचारियों से जबरन प्रभार दिलवाया गया।


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