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जलवायु परिवर्तन विभाग में आए बड़े बदलाव से मचा हड़कंप, अब मुख्यालय से चिपक कर बैठे है अधिकारी

अम्बिकापुर संवाददाता
31 October 2022 12:17 PM IST
Updated: 31 October 2022 12:45 PM IST

सरगुजा। वन विभाग याने जलवायु परिवर्तन विभाग के बॉस याने पीसीसीएफ के बदलते ही विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। डीएफओ से लेकर प्रभारी रेंजर इस बात को लकर परेशान है कहीं बॉस दौरे पर ना आ जाएं, हालत यह है कि अधिकारी उनके आए सवालों का जवाब तक नहीं दे पा रहे है। वही कुछ रेंजर जो आए दिन मनमर्जी रायपुर की सैर किया करते थे, वो अब अपने हेडक्वार्टर से हिलने से भी डर रहे है।

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सरगुजा संभाग के वनमंडलों में हडकंप

तत्कालिन पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी के रिटायर होने के बाद बेहद अनुशासित होकर काम करने के अपने अंदाज के लिए जाने जाने वाले आईएफएस अधिकारी संजय शुक्ला को वन विभाग का प्रधान मुख्य वन संरक्षक बनाया गया है। उनके पदभार ग्रहण करने मात्र से सरगुजा संभाग के वनमंडलों में हडकंप मचा हुआ है, ज्यादातर रेंज, प्रभारी रेंजरों के भरोसे है। वहीं डीएफओ भी उनके सवालों के जवाब देने में असहज महसूस कर रहे है, यदि सवाल का उत्तर गलत हो गया तो लेने के देने पड़ सकते है। सरगुजा संभाग के कई डीएफओ ने पीसीसीएफ के पदभार के बाद स्टाफ की मीटिंग लेकर सभी को हिदायत दे दी है कि पीसीसीएफ कभी भी दौरे पर आ सकते है, अपने अपने कार्यो को सही करके रखिए, नही तो उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। वहीं कुछ रेंजर व एसडीओ जो तत्कालिन पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी के समय बेहद सक्रिय और पूरे सरगुजा संभाग की जिम्मेदारी लिए बैठे थे वो अब नए पीसीसीएफ को जनवरी तक का ही मेहमान बता रहे है, उनका कहना है कि सरकार जल्द ही श्री शुक्ला को रेरा में भेजने की तैयारी कर रही है। ताकि उनका खोया दौर फिर वापस आ सके।

मनमर्जी रायपुर जाने पर लगा प्रतिबंध

वन विभाग के नए पीसीसीएफ श्री शुक्ला की अनुशासित कार्यशैली से हर कोई भली भांति परिचित है, तत्कालिन पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी से डिप्टी रेंजर से लेकर फारेस्ट गार्ड तक सीधे मिलकर चर्चा करते थे, यहीं कारण था कि कांग्रेस सरकार आते ही रेंजरों के प्रभार में डिप्टी रेंजरों की पौ बारह हो गयी। परन्तु अब ऐसा नहीं हो पाएगा, क्योंकि नए पीसीसीएफ सिर्फ एपीसीसीएफ से सीसीएफ तक के अधिकारियों से नियमानुसार चर्चा करते है, दूसरी ओर उनके सख्त निर्देश है कि कोई भी अपना मुख्यालय नहीं छोड़े, जिसके कारण दो दो सप्ताह रायपुर में डेरा डाले रहने वाले रेंजर और एसडीओ अब अपने मुख्यालय से चिपक कर बैठे है।

आओ प्रतिनियुक्ति पर

सरगुजा वनवृत के कोरिया वनमंडल के डीएफओ इमोतेंशु आओ प्रतिनियुक्ति पर अपने गृह राज्य चले गए है, उनके जाने के बाद मनेन्द्रगढ डीएफओ लोकनाथ पटेल को अतिरिक्त प्रभार सौपा गया है। दूसरी ओर डीएफओ की पदस्थापना की सूची 15 अगस्त के पूर्व से अटकी हुई है। बीते 3 माह से ज्यादा समय बीत चुका है, सूची जारी नहीं हो पाई है, यह था कि तत्कालिन पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी के कार्यकाल के पूर्व, डीएफओ की सूची जारी हो जाएगी, परन्तु ऐसा नही हो सका, अब कुछ डीएफओ के पद पर अतिरिक्त प्रभार होने के कारण कुछ दिनों में सूची आने की संभावना जताई जा रही है।

सीसीएफ रिटायर हुए

खुद को मुख्यमंत्री के साथ रायपुर के साइंस कालेज के सखा बताने वाले सीसीएफ अनुराग श्रीवास्तव 31 अक्टूबर को रिटायर हो जायेंगे, अभी तक उनके स्थान पर सरकार ने किसी की पदस्थापना नहीं की है। सीसीएफ श्री श्रीवास्तव के कार्यकाल में डिप्टी रेंजर से लेकर एसडीओ जहां पदस्थापना चाहते थे तत्काल उन्हें वो स्थान आसानी से मुहैया होता रहा, वन विभाग अनियमितताओं में काफी गति से आगे बढ़ा, कार्यवाही के नाम पर कुछ खास नही देखा गया, ,ऐसी चर्चा आम है कि कोरिया से उनको आए दिन दहीमन की माला पहुंचाई जाया करती थी , अब देखना है उनके रिटायरमेंट के बाद सरगुजा वनवृत की स्थिति में कितना सुधार आ पाता है।


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