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सीएमएचओ कार्यालय के कुछ कर्मी स्वास्थ्य मंत्री के कार्यक्रम से नदारद, जोशिला स्वागत के साथ मामूली खर्च मेें निपटा पटना स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का आयोजन

चन्द्रकान्त पारगीर
17 October 2022 11:58 AM IST
Updated: 17 October 2022 12:00 PM IST

कोरिया 17 अक्टूबर। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव का दौरा स्वास्थ्य विभाग के लिए काफी कम खर्चे व शानदार तरीके से स्वागत के साथ सम्पन्न हो गया। सबसे बड़ी बात यह सामने आई कि जो पूर्व में जो कर्मी ऐसे वीआर्इ्रपी कार्यक्रम संभाला करते थे, वो शिकायत की डर से स्वास्थ्य मंत्री के दौरे में पूरे दिन सामने नहीं आए। जिसके कारण विभाग अनाप शनाप फर्जी खर्चो से बच गया।

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जोशीला स्वागत व पूरी सादगी के साथ कार्यक्रम बेहद कम खर्चे

जानकारी के अनुसार गत दिवस प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव का कोरिया जिला आगमन हुआ। कोरिया जिले में प्रवेश करने के बाद से स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव पटना स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निरीक्षण के लिए पहुंचें, जहां सीएमएचओ के कुछ कर्मचारियों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों एवं स्टाफ द्वारा उन्हें अस्पताल की जानकारी दी, लोगों को मिल रही सुविधाआंें के संबंध मे बताया, निरीक्षण से स्वास्थ्य मंत्री काफी खुश नजर आए। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीएमओं सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। अस्पताल निरीक्षण के साथ ही यहां एक कार्यक्र्रम स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित किया गया था जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चिकित्सक व पटना स्वास्थ्य केंद्र के अलावा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के कर्मी भी मौजूद रहे और जोशीला स्वागत व पूरी सादगी के साथ कार्यक्रम बेहद कम खर्चे में निपट गया। वहीं सूत्र बताते है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना में स्वास्थ्य मंत्री के कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय कोरिया के दो प्रमुख कर्मी उक्त कार्यक्रम में शामिल नही हुए। जबकि कार्यक्र्रम में अनुपस्थित दोनो कर्मियों के द्वारा विभाग के प्रमुख दायित्वों का निर्वहन कर रहे है ऐसे में सीएमएचओं कार्यालय के दोनों कर्मियों के कार्यक्रम में नदारद रहने को लेकर कई तरह की चर्चाएं होती रही वह यह भी चर्चा होती रही कि दोनों कर्मियों के कार्यक्रम में नहीं रहने से कार्यक्रम सादगी के साथ कम खर्चे में संपन्न हो गया। जबकि पूर्व में होने वाले हर कार्यक्रम के सर्वेसर्वा दोनों ही हुआ करते थे और खर्चे अनाप शनाप।


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