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8 महिने बाद तक भी जमा नहीं किए अभिलेख, बर्खास्त तकनिकी सहायक का मामला, एफआईआर करने निर्देश पर फाइल दबी

चन्द्रकान्त पारगीर
16 April 2022 8:31 AM IST
Updated: 16 April 2022 8:35 AM IST

कोरिया जिले के जनपद पंचायत बैकुंठपुर में पदस्थ रहे मनरेगा के तकनीकी सहायक अशोक बैरागी पिता भोजराज बैरागी को कार्यो सुनियोजित वित्तीय अनियमितता, जानबूझकर लापरवाही और लाखों रूपए के फर्जी भुगतान मामले मे बर्खास्त कर दिया गया, वहीं वो जिन ग्राम पंचायतों का तकनिकी सहायक के पास प्रभार था, उन ग्राम पंचायतों के अभिलेख अब तक जमा नहंी किए गए है, जबकि अभिलेख जमा नहीं करने की स्थिति में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे, मामले की फाइल बीते 7 माह से दबी हुई है। कार्यवाही से राहत पाने उसने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया, परन्तु उसे राहत नहीं मिल पाई।

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तकनीकी सहायक के भ्रष्टाचार, वित्तीय और निर्माण में काफी अनियमितताएं

जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बैकुंठपुर में पदस्थ रहे तत्कालीन तकनीकी सहायक अशोक बैरागी द्वारा ग्राम पंचायत मोदीपारा के ग्राम देवरी में मनरेगा के तहत गेज नदी पर बनाये जा रहे रिटर्निंगवाल में काफी वित्तीय और निर्माण में काफी अनियमितताएं की। जिसकी शिकायत हुई, जांच समिति ने जांच कर उसे दोषी पाया। जॉच मे यह उल्लेख किया गया है कि निर्मित तटबंध के कुछ पैच में फिनिशिंग सही नहीं होने के कारण तटबंध में सरिया दिखाई दे रहा है। इस कार्य में कुल 2430.88 कि.ग्रा. का स्टील वर्क कराते हुए 152134 रूपये का मूल्यांकन किया गया परंतु भुगतान के लिए प्रस्तुत बिल में छड़ की कुल मात्र 6534.40 कि.ग्रा. दर्शाया गया जिसकी मूल लागत 372460 रूपये का भुगतान कर दिया गया। प्राक्कलन के अनुसार मजदूरी राशि 9328 रूपये कटौती उपरांत राशि 142806 रूपये का बिल सामग्री भुगतान के लिए प्रस्तुत करना था किन्तु सामग्री में 372460 रूपये का बिल लगाकर भुगतान प्रास्त किया गया जो कि वास्तविक भुगतान राशि से 2, लाख 29 हजार 654 रूपये ज्यादा पाया गया। जॉच में लगाये गये सामग्री भी गुणवत्ताहीन पायी गयी। इसके अलावा जनपद पंचायत के तत्कालीन बर्खास्त तकनीकी सहायक अशोक बैरागी द्वारा ग्राम पंचायत नरकेली के गौठान निर्माण कार्य में पशु शेड एवं पानी टंकी निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था जिसमें प्रथम चरण का भुगतान के उपरांत तकनीकी सहायक के द्वारा भ्रष्टाचार करते हुए पुनः दूसरे चरण के कार्य के नाम पर पुराने कराये गये कार्य का भुगतान किये जाने संबंधी शिकायत रही। इस कार्य में तकनीकी सहायक एवं कार्य एजेंसी द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया। यहां नेपियर घास लगाने के कार्य में मजदूरी भुगतान दो बार किये जाने की बात जॉच में समाने आयी।

रामगढ़ क्षेत्र में भी धांधली

तकनिकी सहायक अशोक बैरागी के निर्माण कार्यो में भ्रष्टाचार की कोई एक कहानी नही है, अधिकारियों में काफी लंबी पकड के कारण अब तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है, उस पर कार्यवाही ना हो इसके लिए सरगुजा से लेकर कुछ जिलो मे पदस्थ अधिकारी फोन कर उसे बचाने की गुहार लगा रहे है। उधर, रामगढ क्षेत्र में मनरेगा के तहत निर्माण कार्यो को लेकर जांच पूरी हो चुकी है, अब कार्यवाही की तैयारी है, यहां काम किए बगैर राशि निकाल ली गई, जांच में यह बात सामने आई, बयान भी हुए, परन्तु बाद में जिस निर्माण का पैसा निकला था उन्हें जांच के बाद पूर्ण कर दिया, परन्तु बिना काम के फर्जी एमबी लिखने का आरोप सही साबित हुआ है, अब देखना है प्रशासन उस पर क्या कार्यवाही करता है।

एफआईआर के थे निर्देश

तकनिकी सहायक को बर्खास्त करने के बाद उनके पास ग्राम पंचायत मोदीपारा, जामपानी, सरईगहना के प्रगतिरत निर्माण कार्यो की माप पुस्तिका, फाईल नस्ती मूल्यांकन, सत्यापन के लिए कार्यालय से लिया गया था। जिसे जून 2021 तक तकनिकी सहायक ने जमा नही किया, इसकी जानकारी तत्कालिन सीईओ ने जिला पंचायत सीईओ को पंचनामा के साथ दी, जिसके बाद अभिलेख जमा नहीं करने पर दो दिन में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद पुलिस को जनपद पंचायत के सीईओ ने पत्र भी लिखा था। परन्तु आज तक फाइल दब गई है।


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