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70 चीतल पहुंचें गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, एक का पैर फ्रेक्चर,पार्क के इतिहास में पहली बार लाए गए बड़ी संख्या में चीतल

चन्द्रकान्त पारगीर
11 March 2022 21:25 PM IST
Updated: 11 March 2022 21:31 PM IST

टाइगर रिर्जव घोषित करने के पूर्व वन्य जीवों को कोरिया जिले में स्थित गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में लाए जाने के तहत 70 चीतल पहुंच गए, जैसे ही पार्क में स्थित चीतल बाडे़ में उन्हें उतारा गया, सभी फर्राटे भरते उछाल मारते हुए एक एक कर तेज गति से उतरे। मौके पर पार्क के डायरेक्टर श्री रामाकृष्णन, एसडीओ अनिल सिंह सहित रेंजर महेश टंडे के साथ चीतल के साथ रायपुर से आए वन्य जीवों के चिकित्सक डॉ राकेश वर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे। अब पार्क में चीतलों की संख्या मे बढकर 100 हो चुकी है।

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70 चीतल लाए गए

कोरिया जिले में स्थित देश का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नेशनल पार्क गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान जिसे एनटीसीए ने टाईगर रिजर्व के लिए हरी झंडी दे रखी है, अब पार्क में चीतलो को लाने का सिलसिला जारी है। इससे पूर्व 30 चीतल लाए गए थे, आज 70 चीतल लाए गए है, रायपुर के नंदनवन से लाते समय बीच रास्ते में चीतलो से भरा वाहन पलट गया था, बाद में सभी चीतल बैकुंठपुर पहुंचें। सीएम केनी मेचियों के निर्देश पर वन्य जीवों के शिफ्टिंग का काम बड़ी तेज गति से जारी है, पार्क के संचालक श्री रामाकृष्णन के साथ सोनहत रेंजर महेश टंडे चीतलों से भरे वाहनों को लेकर मास्टर टॉवर स्थित चीतल बाडा पहुंचें, जहां वाहनों को मिट्टी के रैंप बनाकर खडा किया गया, जैसे ही वाहनों के दरवाजे खोले गए, एक एक करके सभी चीतल फर्राटे भरते हुए चीतल बाडे में कूद कर अंदर पहुंच गए। वहीं एक चीतल का पैर फ्रेक्चर पाया गया है, जिसका इलाज जारी है। वहीं चीतलो की संख्या मे बढ़ने से टाईगर की संख्या में भी वृद्धि होने की ंसभावना बढ गई है, अब तक पार्क में 6 टाइगर मौजूद है।

15 दिन में लाए जायेगेें गौर

टाईगर रिजर्व को लेकर सरकार की तैयारियों जारी है, चीतल के बाद पार्क में गौर लाने को लेकर पार्क प्रबंधन जुटा हुआ है। पूर्व मे लकडी का बाडा बनाया गया था, अब नए सिरे से लोहे का बाडा तैयार किया जा रहा है, एसडीओ अनिल सिंह की माने तो आने वाले 15 दिनों में गौर को यहां लाया जाएगा। इससे पहले यहां एक दो गौर देखे गए है, बताया जाता है, पार्क से संजय नेशनल पार्क से भटक कर कई बाद गौर को देखा गया है, उनके पद चिन्ह भी रिकार्ड किए गए है। अब गौर के आने के बाद पर्यटन की दृष्टि से पार्क का महत्व बढने के पूरे आसार नजर आने लगे है।

टाईगर रिजर्व घोषित होने के पूर्व वन्य जीवों को यहां लाया जा रहा

इस संबंध में गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के एसडीओ अनिल सिंह ने बताया कि टाईगर रिजर्व घोषित होने के पूर्व वन्य जीवों को यहां लाया जा रहा है, शिफ्टिंग के दौरान रास्ते में एक वाहन पलटा था जिसमें किसी भी चीतल को चोटें नहीं आई थी, एक चीतल बाद में वाहन में उछलकूद करने के बाद थोडा घायल हुआ है, उसका पहले तरफ का एक पैर फ्रेक्चर हुआ है, चिकित्सक उस पर नजर बनाए हुए है। पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार पार्क को लेकर खासी दिलचस्पी दिखा रही है।


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