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पंचायत इंस्पेक्टर को बताकर किया जा सकता है निलंबित? मामले का पटाक्षेप करने प्रशासन बना रहा है रणनीति

चन्द्रकान्त पारगीर
24 February 2022 11:26 AM IST
Updated: 24 February 2022 11:56 AM IST

कोरिया जिले के भरतपुर के पंचायत सचिव की आत्महत्या का मामला में कार्यवाही का दबाव जिला प्रशासन पर बढ़ता जा रहा है। वहीं अभी तक भाजपा को छोड़ सभी राजनैतिक दलों की कार्यवाही की मांग के साथ कर्मचारियों के साथ जिला सचिव संघ भी कार्यवाही करने मांग को लेकर आज दोपहर में ज्ञापन सौपें जाने की तैयारी कर रहा हैै। इसके लिए कल बैठक आयोजित की जा चुकी है। ऐसे में पंचायत इंस्पेक्टर पर निलंबन की गाज उन्हें बताकर गिराए जाने की तैयारी की जा रही है। ताकि कुछ हद तक मामले में जारी गतिरोध को कम किया जा सके।

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मामले को शांत करने की रणनीति

कोरिया जिला प्रशासन सचिव की आत्महत्या के मामले में कार्यवाही कर मामले को शांत करने की रणनीति बना रहा है। सूत्र बताते है कि इसके लिए तीन नामांे में सबसे छोटे अधिकारी पर उन्हें बताकर कार्यवाही की जाने की तैयारी है, कि आपको 4-5 माह के बाद पुनः निलंबन वापस कर ससम्मान वापसी कर दी जाएगी। उन पर कार्यवाही का प्रशासन के पास ठोस कारण भी है दरअसल, पंचायत इंस्पेक्टर के पास जनपद के सीईओ से ज्यादा अधिकार होते है। उनके ही आधीन में सभी ग्राम पंचायत के सचिव होते है, और उनकी अनुशंसा पर ही सचिवों के फेरबदल होता है। पंचायत इंस्पेक्टर ग्राम पंचायत का रिकार्ड जप्त कर सकता है, किसी भी तरह की कार्यवाही की अनुश्ंासा कर सकता, उनके पास ग्राम पंचायत की जांच करने का अधिकार होता है, ग्राम पंचायत के अभिलेख खुद के संरक्षण में जप्ति करने का भी अधिकार उनके पास है, उन्ही की अनुशंसा पर सीईओ उनकी कार्यवाही को जिला पंचयत को भेजता है। तब कर जाकर कार्यवाही होती है। ऐसे में तय है कि पंचायत इंस्पेक्टर पर कार्यवाही की पहली गाज गिरने वाली है ताकि कार्यवाही की सोशल मीडिया में होने वाली गूंज से मामला ठंडा पड़ सके। वहीं सीईओ पर यदि कार्यवाही होती है तो कांग्रेस के नेता पर भी कार्यवाही तय हो जाएगी, परन्तु कांग्रेस नेता पर कार्यवाही प्रशासन के लिए आसान नहीं हैै। ऐसे में सीईओ आसानी से कांग्रेस के नेता की आड़ में साफ बच निकलने की कोशिश में है। कोरिया जिले में पूर्व में एक नेता की आड़ में एक सीईओ बच कर निकल चुके है।

खडगवां में भी यही था रूतबा

कोरिया जिले के भरतपुर के जनपद सीईओ पूर्व कुछ माह सुरजपुर सीईओ रहे और उसके पूर्व कोरिया जिले के खडगवां जनपद में लगभग 1 वर्ष तक जनपद सीईओ के पद पर पदस्थ थे, यहां उनकी सबसे ज्यादा शिकायत अभद्र व्यवहार को लेकर देखी गई। शासकीय कर्मचारी हो या जनपद स्टाफ, चाहे सचिव या जनप्रतिनिधियों के साथ साथ दो दो बार मीडियाकर्मियो से भी अभद्रता के कारण चर्चा में रह चुके है। जिसके बाद उनको यहां से हटाकर सुरजपुर भेज दिया गया था। भरतपुर के कुछ सचिव नाम ना छापने की शर्त पर बताते है कि सीईओ अपने एसबीएम के क्वार्डिनेटर और पंचायत इंस्पेक्टर को बुलाकर कार्यवाही करने के निर्देश देते है कई बार तो खुद लिखकर विभागीय अधिकारियों के हस्ताक्षर लेकर कार्यवाही करने का आदेश दे दिया करते है।


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