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कांग्रेस में आपसी खिंचतान जारी, भाजपा में जबरदस्त उत्साह, देर रात तक चली डबरीपारा में बैठक, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष को जमकर कोसा

चन्द्रकान्त पारगीर
02 January 2022 19:08 PM IST
Updated: 02 January 2022 19:13 PM IST

बैकुंठपुर नगरीय निकाय में मिली हार के बाद जहां कांग्रेस बैकफूट पर है, तो भाजपा में काफी उत्साह देखा जा रहा है, भाजपा कार्यकर्ता जीत के बाद जमकर आतिशबाजी के सााथ रंग गुलाल से सराबोर देखे गए। तो दूसरी ओर कांग्रेस ने बेलेट पेपर पर लगाए गए चिन्ह का प्रोटेस्ट भी किया। वहीं चुनाव के दौरान सिर्फ भाजपा में ही अंदरखाने लड़ाई नहीं थी बल्कि कांग्रेस मंे एक दूसरे को हराने की होड़ मची हुई थी, अब अध्यक्ष के चुनाव के बाद इसे लेकर पार्टी क्या कार्यवाही करती यह देखने वाली बात होगी।

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भाजपा में जश्न

शनिवार को भाजपा को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल देखा गया, देर शाम तक कई स्थानों पर अतिश बाजी के साथ जमकर रंग गुलाल लगाकर एक दूसरे को बधाई दी गई। नव निर्वाचित अध्यक्ष नविता शिवहरे की जीत को लेकर भव्य विजयी जूलुस निकाला गया, वहीं देर रात तक प्रेमाबाग मंदिर मे रामायण का पाठ किया गया। भाजपा को मिली जीत के बाद कांग्रेस का गणित पूरी तरह से फेल हो गया। कांग्रेस के दो पार्षदों ने खुलकर कांग्रेस का विरोध किया। जिसके बाद कांग्रेस ने फौरन कार्यवाही कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। हार के बाद कांग्रेस ने भाजपा के पक्ष मंे डाले एक वोट को लेकर कलेक्टर के सामने प्रोटेस्ट किया, दरअसल, वोट डालने को लेकर जो नियम चुनाव आयोग ने तय किए थे, उसमें जिन्हें आप वोट करे उस पर क्रास का चिन्ह लगाना था, जबकि एक पार्षद ने सही का निशान बना कर वोट डाला, उस समय मौके पर इसका ख्याल चुनाव करा रहे अधिकारियों ने भी नहंी रखा और पार्षदों ने भी ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण दोनो ओर 10-10 वोट मिले और मामला टाई में आ गया। इसे लेकर कांग्रेस के पार्षद कलेक्टर कार्यालय गए, जहां उन्हें निराशा हाथ लगी।

डबरीपारा मे चली बैठक

निष्कासित किए गए पार्षदों को लेकर देर रात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुख्तार अहमद के नेतृत्व में डबरीपारा काफी संख्या में समाज के लोग एकत्रित हुए, जिसके मुख्तार अहमद ने कहा कि अब मुस्लिम कांग्रेस से खासे नाराज है, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नजीर अजहर ने समाज के साथ धोखा किया है। वहीं मौके पर कई लोगों ने अपने विचार रखे। सबने एक मत में नपा अध्यक्ष के लिए आफताब अहमद की कांग्रेस के प्रति निष्ठा के बाद ऐसा धोखा दिए जाने के लिए कांग्रेस के प्रति नाराजगी व्यक्त की। इस दौरान पूरी बैठक को फेसबुक लाइव भी चलाया गया।

रायपुर से तय हुआ था नाम

शनिवार को कांग्रेस के पास बहुमत होते हुए भाजपा से हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद कांग्रेस में ठेकेदार अशोक जायसवाल की पत्नी साधना जायसवाल को अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार बनाए जाने को सवाल खडे होने लगे, कांग्रेस के सूत्रों की माने तो अध्यक्ष पद के लिए रायपुर से ही नाम तय किया गया था, जिसके कारण इस तरह की स्थिति निर्मित हुई, यदि कांग्रेस पूर्व नपा अध्यक्ष ठेकेदार अशोक जायसवाल के अलावा किसी और के नाम पर मुहर लगाती तो निश्चित ही कांग्रेस का लाभ होता। कांग्रेस की अंदररूनी लड़ाई पहली बार सबके सामने आई और कांग्रेस के निष्कासित नेता आफताब अहमद ने कांग्रेस का खुलकर विरोध किया, वहीं हुए चुनाव में कांग्रेस के एक मंत्री का उपहार किसी बिल्डर के घर से बांटने को लेकर बवाल मचा हुआ है, यहां पार्षदों को एक कांग्रेसी नेता के मोबाइल फोन से कॉल करके बुलाकर उपहार दिया गया, जिन्हें उपहार मिला उसे अब तक लगभग पार्षद उम्मीदवार और पार्षदों ने संभाल कर रखा है तो कुछ ने कॉल रिकार्ड कर कांग्रेस के आला नेताओं को सुनवाया है। कांग्रेस में कांग्रेस का निपटाने के खेल में ऐसे नेताआंे के खिलाफ कार्यवाही को लेकर मंथन चल रहा है। देखना है कि कांग्रेस मामले को अंदर ही दबा देती है या कोई कार्यवाही भी कर पाती है।

अब जाएगें किधर

बैकुंठपुर नगर पालिका का वार्ड क्रमांक 10 और 11 में कांग्रेस के दिग्गज नेता आफताब अहमद का समाजिक वर्चस्व है। जिन्हें कंाग्रेस ने निष्कासित कर दिया, वो अब किधर जाएंगंे, यह अभी बड़ा सवाल बना हुआ है, परिवार से तीन बार के पार्षद श्री अहमद अपने समर्थकों को लेकर भाजपा में जाते है, या गोंडवाना गणतंत्र पार्टी या समाजवादी पार्टी अभी यह कह पाना काफी मुश्किल है, यह तय है कि कांग्रेस में जाने के उन्होनें अपने रास्ते बंद कर दिए है। शनिवार को उन्होनें कांग्रेस को गद्दार तक कह डाला। उन्होनें कहा कि यदि उन्हें अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया जाता तो निर्विरोध चुनाव होता।


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